संभावनाओं का नया अध्याय: पुतिन के भारत दौरे से ऊर्जा, तकनीक और कूटनीति में बढ़ेगी रफ्तार

  • Post By Admin on Dec 04 2025
संभावनाओं का नया अध्याय: पुतिन के भारत दौरे से ऊर्जा, तकनीक और कूटनीति में बढ़ेगी रफ्तार

नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे को लेकर कूटनीतिक हलकों में गहरी उत्सुकता है। पूर्व भारतीय राजनयिकों का कहना है कि यह यात्रा न केवल रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देगी, बल्कि परमाणु ऊर्जा, उभरती तकनीकों और यूक्रेन संघर्ष जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सार्थक वार्ता की उम्मीद है।

पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने पुतिन के आगमन को भारत-रूस रिश्तों की निरंतरता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर वार्ता की परंपरा ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाया है। त्रिगुणायत के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच व्यक्तिगत केमिस्ट्री ने भी इन रिश्तों को नई ऊंचाई दी है।

यूक्रेन युद्ध पर संभावित चर्चा को लेकर उन्होंने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा युद्धविराम और संवाद के पक्ष में रहे हैं। त्रिगुणायत ने कहा, “पुतिन संभवतः यूक्रेन मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से खुलकर बातचीत करें। दोनों नेता एक-दूसरे को भलीभांति समझते हैं, इसलिए यह वार्ता काफी प्रभावशाली हो सकती है।”

ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में रूस की भूमिका पर उन्होंने कहा कि भारत को रूस से मिलने वाली ऊर्जा आपूर्ति महत्वपूर्ण रही है, भले ही इसके चलते भारत को कुछ अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ा हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। साथ ही, रूस के संभावित निवेश और भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसरों पर भी वार्ता का एजेंडा बन सकता है।

दूसरी ओर, पूर्व राजनयिक वीना सिकरी ने इस दौरे को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मौजूदा वैश्विक तनाव—खासकर दो प्रमुख युद्धों—के बीच यह यात्रा भारत की सामरिक स्थिति को मजबूत कर सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ का दबाव और रूस से भारत की ऊर्जा निर्भरता भी चर्चा के प्रमुख विषयों में शामिल रहेंगे।

सिकरी ने रूस के उन्नत सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट को भारत के लिए संभावित गेम-चेंजर बताया और कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। उनके मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच बातचीत का केंद्रीय फोकस यूक्रेन-रूस संघर्ष में शांति की संभावनाओं को तलाशना होगा।

राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब वैश्विक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और भारत-रूस सहयोग बहुआयामी रूप ले रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता भविष्य के लिए कई निर्णायक रास्ते खोल सकती है।