रिलायंस कम्युनिकेशंस की मुश्किलें बढ़ीं, एसबीआई ने ऋण खाते को धोखाधड़ी घोषित करने का लिया फैसला
- Post By Admin on Jul 03 2025
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नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रिलायंस ग्रुप की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के ऋण खाते को "धोखाधड़ी" घोषित करने का निर्णय लिया है। यह मामला अगस्त 2016 से जुड़ा है और बैंक ने इसके तहत कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल धीरूभाई अंबानी का नाम भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भेजने का फैसला किया है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने यह जानकारी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को एक फाइलिंग के जरिए दी है। कंपनी ने कहा है कि यह खुलासा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के तहत किया गया है, ताकि निवेशकों को आवश्यक पारदर्शिता मिल सके।
CIRP प्रक्रिया में है कंपनी
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली यह कंपनी इस समय इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है। कंपनी ने कहा कि उसके लेनदारों की समिति (CoC) ने पहले ही एक समाधान योजना को मंजूरी दे दी है, जो अब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), मुंबई बेंच की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रही है।
एसबीआई के आरोप और नोटिस
एसबीआई ने बताया कि दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में रिलायंस कम्युनिकेशंस को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। बैंक का कहना है कि कंपनी इन नोटिसों के जवाब में यह स्पष्ट करने में विफल रही कि ऋण शर्तों का उल्लंघन क्यों हुआ। साथ ही, कंपनी ने बैंक द्वारा पूछे गए सवालों के संतोषजनक उत्तर भी नहीं दिए।
एसबीआई द्वारा जारी पत्र 23 जून 2025 को लिखा गया था, जिसे कंपनी को 30 जून को प्राप्त हुआ। बैंक ने स्पष्ट किया है कि जिन ऋण और क्रेडिट सुविधाओं का जिक्र पत्र में किया गया है, वे उस अवधि से संबंधित हैं जब कंपनी दिवालिया घोषित नहीं हुई थी। ऐसे में ये विषय समाधान योजना या लिक्विडेशन प्रक्रिया के तहत सुलझाए जाने चाहिए।
निवेशकों के लिए बड़ा संकेतबाजार विशेषज्ञों के अनुसार, एसबीआई का यह निर्णय न केवल रिलायंस कम्युनिकेशंस की साख पर गंभीर असर डालेगा, बल्कि यह बाकी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भी एक चेतावनी भरा संकेत है कि कर्ज अनुशासन में चूक अब नजरअंदाज नहीं की जाएगी।