भारत बना खिलौनों का हब : 153 देशों को हो रहा निर्यात, सरकार लाएगी नई प्रोत्साहन योजना
- Post By Admin on Jul 05 2025

नई दिल्ली : देश का खिलौना उद्योग अब आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक समय पर भारी मात्रा में आयात पर निर्भर रहने वाला यह सेक्टर आज 153 देशों को अपने बनाए हुए खिलौने निर्यात कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को 'टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025' के 16वें संस्करण में दी।
गोयल ने कहा कि यह बदलाव केंद्र सरकार की प्रभावी नीतियों, गुणवत्ता मानकों की सख्त निगरानी और घरेलू विनिर्माण क्लस्टरों के सशक्तिकरण के चलते संभव हो सका है। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) ने भारतीय खिलौना उद्योग को वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
बड़ा घरेलू बाजार बना प्रतिस्पर्धा की ताकत
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की 140 करोड़ की आबादी न केवल एक विशाल कैप्टिव बाजार है, बल्कि यह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लागत दक्षता प्रदान कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का मौका भी देती है। उन्होंने कहा कि देश में घरेलू मांग के बढ़ने से उद्योग को विस्तार के साथ वैश्विक बाजार में भी प्रवेश का रास्ता मिल रहा है।
नई प्रोत्साहन योजना की तैयारी में सरकार
वाणिज्य मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि केंद्र सरकार खिलौना उद्योग के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना शुरू करने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य भारतीय खिलौनों को विश्वस्तरीय बनाना है। इसके तहत डिज़ाइन क्षमताओं का विस्तार, गुणवत्तापूर्ण निर्माण, आकर्षक पैकेजिंग और मजबूत ब्रांडिंग पर खास जोर दिया जाएगा।
‘वोकल फॉर लोकल’ से मिली नई उड़ान
गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल की शुरुआत में भले ही संदेह था, लेकिन आज यह भारतीय खिलौना उद्योग की नई पहचान बन चुकी है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प के साथ लोकल उद्योगों को नया बल मिला है।
स्टार्टअप्स और MSMEs को भी मिल रहा बल
खिलौना सेक्टर में नवाचार करने वाले स्टार्टअप्स को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कोलेटेरल-फ्री लोन से लाभ मिल रहा है। इस योजना को अब 20 साल तक विस्तारित किया गया है। साथ ही, MSME मंत्रालय द्वारा देशभर में 18 खिलौना क्लस्टर्स को भी सहायता दी जा रही है, जिससे स्थानीय उत्पादन को और बढ़ावा मिल रहा है।
गोयल ने उद्योग से अपील की कि वे वैश्विक बाजार में टिके रहने के लिए बेहतर डिज़ाइन, आकर्षक पैकेजिंग और सशक्त ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत खिलौना निर्माण के क्षेत्र में दुनिया का अगला बड़ा केंद्र बन सकता है।