साल के आखिरी दिन सोना-चांदी की चमक पड़ी फीकी, चांदी में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज
- Post By Admin on Dec 31 2025
मुंबई : साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन बुधवार को कीमती धातुओं, खासकर चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली। इससे पहले चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंची थी, जिसके बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए बेचने की प्रवृत्ति दिखाई।
घरेलू वायदा बाजार में शुरुआती कारोबार में चांदी 16,000 रुपए से ज्यादा टूटकर दिन के निचले स्तर 2,32,228 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। बाद में इसमें थोड़ी रिकवरी देखने को मिली। वहीं सोने की कीमत में भी 900 रुपए से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
खबर लिखे जाने तक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी 14,124 रुपए यानी 5.63 प्रतिशत गिरकर 2,36,888 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी। फरवरी डिलीवरी वाला सोना 782 रुपए यानी 0.57 प्रतिशत टूटकर 1,35,884 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। सत्र के दौरान चांदी 2,32,228 रुपए और सोना 1,35,618 रुपए के इंट्रा-डे लो तक पहुंचा।
विश्लेषकों के अनुसार, दिसंबर में चांदी की कीमत में 24 प्रतिशत और सालभर में 135 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। घरेलू स्पॉट गोल्ड की कीमत इस साल 76 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ी, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी सालाना बढ़त मानी जा रही है।
राहुल कलंत्री, कमोडिटी उपाध्यक्ष, मेहता इक्विटी लिमिटेड ने बताया कि अमेरिका-ताइवान तनाव, रूस-यूक्रेन वार्ता में रुकावट, अमेरिका के वेनेजुएला बंदरगाह पर हमले और चीन के नौसैनिक अभ्यास जैसी घटनाओं से दिसंबर में सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी, जिससे कीमती धातुओं की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आई। हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के विवरण आने के बाद कीमतों में बढ़त सीमित हो गई।
विश्लेषकों का कहना है कि चांदी के लिए 2,45,150 से 2,42,780 रुपए के स्तर पर सपोर्ट और 2,54,810 से 2,56,970 रुपए के बीच रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है। इस साल सोने और चांदी की कीमतें केंद्रीय बैंकों की खरीद, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, भू-राजनीतिक तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में निवेश बढ़ने के कारण उभरी हैं।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बाजारों में चांदी का भंडार घट रहा है और शंघाई व कॉमेक्स बाजारों में कीमतों का अंतर कम हो रहा है, जिससे चांदी की उपलब्धता सीमित होती जा रही है।