अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को बताया असंवैधानिक, भारत को मिल सकती है राहत
- Post By Admin on Aug 30 2025

न्यूयॉर्क : अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने भारत समेत कई देशों पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्क (टैरिफ) को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया है। अदालत ने कहा कि ट्रंप के पास इतने व्यापक अधिकार नहीं थे कि वे अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आपातकाल कानून (आईईईपीए) के तहत ऐसे टैरिफ लागू कर सकें।
हालांकि अदालत ने टैरिफ को 14 अक्टूबर तक लागू रहने की अनुमति दी है, ताकि ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। अदालत का यह फैसला 7-4 के बहुमत से आया, जिसमें साफ कहा गया कि टैरिफ लगाने का अधिकार मुख्य रूप से अमेरिकी कांग्रेस के पास है, राष्ट्रपति के पास नहीं।
फैसले के बाद ट्रंप ने इसे "पक्षपाती निर्णय" बताते हुए आलोचना की और घोषणा की कि वह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "अगर यह फैसला बरकरार रहा तो यह अमेरिका को बर्बाद कर देगा।"
व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव कुश देसाई ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिलहाल राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए टैरिफ लागू रहेंगे और सरकार को उम्मीद है कि अंततः अदालत में जीत मिलेगी।
यह फैसला उन टैरिफ पर लागू होता है जो आईईईपीए कानून के तहत लगाए गए थे। इनमें रूस से आयातित तेल पर लगाया गया 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है या नहीं, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सुरक्षा कारणों से स्टील, एल्युमीनियम और तांबे पर लगाए गए टैरिफ को इस फैसले से बाहर रखा गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप प्रशासन की अपील खारिज हो जाती है, तो भारत पर लगाया गया 25 प्रतिशत टैरिफ हट सकता है। इससे भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
इस मामले को अदालत में पूर्व कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल नील कटियाल और डेमोक्रेटिक राज्यों के वकीलों के समूह ने चुनौती दी थी। उनका कहना था कि संविधान में टैरिफ लगाने की शक्ति केवल कांग्रेस को दी गई है और राष्ट्रपति का यह कदम अधिकारों का अतिक्रमण है।