ट्रंप ने फिर दोहराया भारत-पाक संघर्ष में मध्यस्थता का दावा, भारत ने ठुकराई तीसरे पक्ष की भूमिका
- Post By Admin on Aug 04 2025

वाशिंगटन : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की पेशकश दोहराई है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में मदद की, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भी शामिल है। हालांकि भारत ने एक बार फिर इस तरह की किसी मध्यस्थता को सिरे से खारिज कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान रविवार को अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रुथ सोशल' पर अमेरिकी रेडियो होस्ट चार्लमैगने था गॉड की आलोचना करते हुए दिया। उन्होंने लिखा, "मैंने पांच युद्ध खत्म किए, जिनमें कांगो और रवांडा के बीच 31 वर्षों से चला आ रहा खूनी संघर्ष भी शामिल है। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता, ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त करना और खुली सीमाओं को बंद करना भी मेरे कामों में शामिल रहा है।"
ट्रंप के इस ताजा बयान के कुछ ही दिन पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दावा किया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल में वैश्विक स्तर पर कई संघर्षों को समाप्त किया, जिनमें भारत-पाकिस्तान समेत थाईलैंड-कंबोडिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया जैसे विवाद भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।
भारत की स्पष्ट प्रतिक्रिया: 'कोई मध्यस्थता नहीं स्वीकार'
ट्रंप के इन दावों के बीच भारत ने दोटूक शब्दों में कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा केवल द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही सुलझाया जाएगा। राज्यसभा में पिछले सप्ताह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 16 जून के बीच प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।"
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता और भारत की नीति सदैव स्पष्ट रही है कि सभी द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान केवल आपसी संवाद के माध्यम से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" के समय जब कुछ देशों ने स्थिति को समझने के लिए संपर्क किया, तब भी भारत ने साफ कर दिया था कि वह किसी भी बाहरी हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं है।
अतीत में भी उठा चुका है यह विवाद
यह कोई पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात की हो। 2019 में भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से "मध्यस्थता के अनुरोध" का दावा किया था, जिसे भारत ने तत्काल खारिज करते हुए कहा था कि ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया।
डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार किए जा रहे इन दावों के पीछे उनके आगामी चुनाव प्रचार में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को लेकर बनाई गई छवि को मजबूत करने की कोशिश मानी जा रही है, लेकिन भारत की ओर से एक बार फिर स्पष्ट कर दिया गया है कि कश्मीर या अन्य मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी।