रूस को झटका : मलेशिया एयरलाइंस हादसे और यूक्रेन युद्ध में मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी करार

  • Post By Admin on Jul 09 2025
रूस को झटका : मलेशिया एयरलाइंस हादसे और यूक्रेन युद्ध में मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी करार

स्ट्रासबर्ग : रूस को यूक्रेन युद्ध के मोर्चे के साथ-साथ कानूनी मैदान में भी करारा झटका लगा है। यूरोप की शीर्ष मानवाधिकार अदालत यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि रूस ने यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है।

फैसले की सबसे बड़ी बात यह है कि अदालत ने 2014 में मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान एमएच17 को मिसाइल से मार गिराने की घटना के लिए सीधे तौर पर रूस को जिम्मेदार ठहराया है। यह पहला मौका है जब किसी अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मंच ने इस विमान त्रासदी और यूक्रेन में हो रहे अत्याचारों के लिए रूस को दोषी माना है।

एमएच17 हादसे में 298 लोगों की मौत

17 जुलाई 2014 को एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रही फ्लाइट MH17 को पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में मिसाइल से गिरा दिया गया था। विमान में सवार सभी 298 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। उस वक्त यह इलाका रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे में था।

पांच देशों—नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, बेल्जियम और यूक्रेन—की संयुक्त जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हमले में इस्तेमाल की गई मिसाइल रूस निर्मित और रूसी सेना की थी। मिसाइल को रूस से यूक्रेनी क्षेत्र में लाया गया था।

रूस पर बच्चों के अपहरण का भी आरोप

अदालत के फैसले में रूस पर यूक्रेनी बच्चों के अपहरण, नागरिकों की जबरन हिरासत और युद्ध के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के अन्य गंभीर मामलों में भी दोषी ठहराया गया है। यह फैसला यूक्रेनी पीड़ितों और मृतकों के परिजनों के लिए एक महत्वपूर्ण न्यायिक उपलब्धि मानी जा रही है।

रूस ने फिर खारिज किए आरोप

मॉस्को हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है और हमले की जिम्मेदारी यूक्रेन पर डालने की कोशिश की है। रूस ने संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर का प्रयोग कर जांच प्रक्रिया को कई बार रोका भी था। मॉस्को ने इस निर्णय को एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।

डच अदालत पहले ही सुना चुकी है सजा

इससे पहले, 2022 में नीदरलैंड की एक अदालत ने इसी मामले में तीन रूसी नागरिकों और एक यूक्रेनी विद्रोही को अनुपस्थिति में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि चारों आरोपी अभी तक फरार हैं।

पीड़ित परिवारों को मिला न्याय का नया आधार

ECHR के इस फैसले ने एमएच17 त्रासदी के पीड़ित परिवारों को न्याय की नई उम्मीद दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस पर दबाव और बढ़ेगा तथा युद्ध अपराधों की जांच और कार्यवाही को नई गति मिलेगी।

रूस अब कानूनी रूप से भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानवाधिकार उल्लंघन और युद्ध अपराधों के घेरे में है। अदालत के इस फैसले को इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।