गिलगित-बाल्टिस्तान में भत्ते, न्यायिक नियुक्ति और बिजली संकट को लेकर व्यापक विरोध, पुलिस-वकील आमने-सामने

  • Post By Admin on Aug 14 2025
गिलगित-बाल्टिस्तान में भत्ते, न्यायिक नियुक्ति और बिजली संकट को लेकर व्यापक विरोध, पुलिस-वकील आमने-सामने

इस्लामाबाद : पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) इन दिनों बहुस्तरीय विरोध प्रदर्शनों की चपेट में है। गुरुवार को कई जिलों में पुलिसकर्मी, वकील और स्थानीय नागरिक सड़कों पर उतर आए, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए।

सबसे पहले, पुलिस बल ने 2025-26 के बजट में भत्ते की बढ़ोतरी के वादे को लागू न किए जाने के खिलाफ मोर्चा खोला है। बजट में दैनिक भत्ता 440 पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर 880 रुपये करने की घोषणा हुई थी, लेकिन आधिकारिक अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई। चिलास में चीनी नागरिकों की सुरक्षा में तैनात जवानों समेत कई जिलों के पुलिसकर्मी गिलगित के एक वरिष्ठ स्थानीय नेता के आवास के बाहर चौथे दिन भी धरना देते रहे। पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उनकी महीनों पुरानी मांगों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

आक्रोश तब और भड़क गया जब अधिकारियों ने सोमवार को "दुर्व्यवहार" के आरोप में 63 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी। पुलिसकर्मी इसे आंदोलन को कुचलने की कोशिश बता रहे हैं।

दूसरी ओर, वकीलों का गुस्सा भी चरम पर है। गिलगित, स्कर्दू, गिजर समेत कई जिलों में वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार करते हुए बड़े पैमाने पर रैलियां निकालीं। गिलगित-बाल्टिस्तान बार काउंसिल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन गिलगित की संयुक्त बैठक में हड़ताल का ऐलान किया गया। उनकी मुख्य मांगों में सुप्रीम अपीलेट कोर्ट में खाली पड़े जज पदों की नियुक्ति, वकील संरक्षण अधिनियम का विस्तार, खाली सिविल जज पदों के विज्ञापन और न्यायिक मजिस्ट्रेट व सिविल जज पदों को अलग करने जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। वकीलों का आरोप है कि पिछले सात वर्षों से सुप्रीम अपीलेट कोर्ट केवल एक जज के सहारे चल रहा है, जिससे हजारों मामले वर्षों से लंबित हैं।

इसी बीच, बिजली संकट ने भी लोगों का धैर्य तोड़ दिया है। सिकंदराबाद (नगर) में गुस्साए स्थानीय निवासियों ने कराकोरम हाईवे के दियामेर हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। नगर खास और आसपास के क्षेत्रों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए, जिनसे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

पीओजीबी में यह बहुआयामी विरोध एक साथ कई मोर्चों पर प्रशासन को घेर रहा है, जिससे क्षेत्र में असंतोष और अशांति गहराती जा रही है।