आरिफ मोहम्मद खान बने बिहार के 42वें राज्यपाल, शपथ ग्रहण सम्पन्न

  • Post By Admin on Jan 02 2025
आरिफ मोहम्मद खान बने बिहार के 42वें राज्यपाल, शपथ ग्रहण सम्पन्न

पटना : बिहार के नए राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने आज राजभवन में आयोजित एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, कृष्णन विनोद चंद्रन ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, दोनों उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्री भी उपस्थित रहे। शपथ लेने के बाद आरिफ मोहम्मद खान बिहार के 42वें राज्यपाल बने और उनके राज्यपाल बनने के साथ बिहार को 26 साल बाद एक मुस्लिम राज्यपाल मिला है।

कौन हैं नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ?

आरिफ मोहम्मद खान का राजनीतिक जीवन बहुत ही दिलचस्प रहा है। वह पहले केरल के राज्यपाल थे और उनकी सियासी यात्रा काफी विविधतापूर्ण रही है। उन्होंने जनता पार्टी, लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सहित कई प्रमुख दलों में काम किया है। वह नीतीश कुमार के साथ केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और 1980 के दशक में अपनी शख्सियत के कारण सुर्खियों में आए थे।

आरिफ मोहम्मद खान का नाम तब प्रमुख रूप से सामने आया था जब उन्होंने शाहबानो कांड के मामले में कांग्रेस पार्टी का विरोध किया और बाद में पार्टी छोड़ दी। इस घटना के बाद उनका रुख सार्वजनिक जीवन में और सियासी चर्चाओं का हिस्सा बना।

आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में की थी। 1977 में उन्होंने बुलंदशहर की सियाना विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुनाव लड़ा और यूपी सरकार में मंत्री बने। बाद में, उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर 1980 में कानपुर और 1984 में बहराइच से सांसद बने। 1986 में मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल पर उनके विरोध के कारण उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी।

राज्यपाल नियुक्ति के बाद बिहार में बढ़ी चर्चाएं

आरिफ मोहम्मद खान का राज्यपाल के रूप में बिहार जाना राजनीति में नए समीकरणों का संकेत दे रहा है। उन्हें 26 साल बाद बिहार का मुस्लिम राज्यपाल नियुक्त किया गया है। जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। 1993 से 1998 तक बिहार के राज्यपाल रहे एआर किदवई के बाद अब राज्य को एक मुस्लिम राज्यपाल मिला है।

इस नियुक्ति के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि केंद्रीय बीजेपी सरकार ने बिहार के राजनीतिक समीकरण में बदलाव लाने के लिए यह कदम उठाया है। चुनावी साल में आरिफ मोहम्मद खान के राज्यपाल बनने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह कदम आरजेडी के एमवाई समीकरण में सेंधमारी के लिए उठाया गया है। खासतौर पर, राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के स्थान पर आरिफ मोहम्मद खान को भेजे जाने के बाद यह राजनीतिक चर्चा और भी तेज हो गई है।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रमुख लोग मौजूद

राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के प्रमुख नेता और मंत्री उपस्थित थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और दोनों उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम में भाग लिया। समारोह का आयोजन बिहार की राजनीतिक और प्रशासनिक धारा को दर्शाता है। जिसमें प्रमुख राज्यपाल की नियुक्ति के साथ नए राज्यपाल का स्वागत किया गया।

बिहार में नए राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान का आना राज्य की राजनीति में एक नई दिशा का प्रतीक है। उनका राजनीतिक अनुभव और कई दलों में कार्य का अनुभव उन्हें एक स्थिर और संवेदनशील नेता के रूप में प्रस्तुत करता है। 26 साल बाद मुस्लिम राज्यपाल मिलने से बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की संभावना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।