अभय सिंह अकेले नहीं, IIT के ये 8 इंजीनियर भी करियर छोड़ चुना संन्यास का मार्ग
- Post By Admin on Jan 22 2025

IIT का नाम सुनते ही देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान और यहां से निकलने वाले प्रतिभाशाली इंजीनियरों का ख्याल आता है। लेकिन हाल ही में अभय सिंह नाम के आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र ने अध्यात्म का मार्ग अपनाकर एक अलग पहचान बनाई है। वह अकेले नहीं हैं जिन्होंने आईआईटी की डिग्री लेने के बाद भौतिक जीवन को त्यागकर आध्यात्मिकता का दामन थामा। ऐसे कई साधु और संन्यासी हैं जिन्होंने इस प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करने के बाद आध्यात्म का मार्ग चुना।
● गौरंग दास
आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले गौरंग दास आज इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) के प्रमुख संतों में से एक हैं। उन्होंने अपना जीवन भगवान कृष्ण की भक्ति और इस्कॉन के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और उनके प्रेरणादायक वीडियो लाखों लोगों को आध्यात्मिक जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
● अभय सिंह
आईआईटी बॉम्बे से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक अभय सिंह हाल ही में चर्चा में आए। उन्होंने कनाडा में एक शानदार करियर छोड़कर संन्यास का मार्ग चुना।
● आचार्य प्रशांत
आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद आचार्य प्रशांत ने आध्यात्मिक जीवन को अपनाया। उन्होंने कॉर्पोरेट दुनिया को अलविदा कहकर अपने जीवन को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और वेदांत के प्रचार में समर्पित कर दिया। उन्होंने अध्यात्म पर कई किताबें भी लिखी हैं।
● संकेत पारिख
संकेत पारिख ने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और अमेरिका में एक सफल करियर को त्यागकर जैन धर्म का संन्यास लिया। उनका जीवन साधना और तपस्या का उदाहरण है। वह जैन दर्शन को अपने जीवन का आधार मानते हैं।
● महान एमजे
आईआईटी कानपुर और UCLA से पीएचडी करने वाले महान एमजे ने रामकृष्ण मठ के संन्यासी के रूप में आध्यात्मिक जीवन को अपनाया। गणित के क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय है। वह वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई में प्रोफेसर हैं।
● स्वामी मुकुंदानंद
आईआईटी दिल्ली से स्नातक स्वामी मुकुंदानंद ने जगद्गुरु कृष्णपालजी योग की स्थापना की। वह योग, ध्यान और आध्यात्म पर आधारित कई किताबें लिख चुके हैं। वह दुनियाभर में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को एक संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
● अविरल जैन
आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में डिग्री प्राप्त करने वाले अविरल जैन ने वालमार्ट में अपनी नौकरी छोड़कर जैन धर्म का संन्यास लिया। उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा साधना और तपस्या में लगा दी।
● स्वामी विद्यनाथ नंद
आईआईटी कानपुर और UCLA से पीएचडी करने वाले स्वामी विद्यनाथ नंद ने रामकृष्ण मठ से जुड़कर वेदांत और अध्यात्म का प्रचार किया। उनका जीवन यह दिखाता है कि भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन कैसे बनाया जा सकता है।
● सन्यास महाराज
आईआईटी से स्नातक सन्यास महाराज ने आध्यात्मिक जीवन को अपनाकर आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति के महत्व को उजागर किया। उनके गहरे आध्यात्मिक विचार समाज में प्रेरणा का स्रोत हैं।