कुर्सी पर बैठी तड़पने लगी 8 साल की बच्ची, हार्ट अटैक से हुई मौत
- Post By Admin on Jan 11 2025
 
                    
                    अहमदाबाद : कर्नाटक से हाल ही में सामने आईं दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब गुजरात से 8 साल की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत होने का मामला सामने आया है। इस खटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बच्चों में दिल की बीमारियों का बढ़ता जोखिम क्यों देखा जा रहा है। दोनों घटनाओं में 8 साल की मासूम बच्चियों की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। यह घटनाएं बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति पेरेंट्स की चिंताओं को और बढ़ा रही हैं।
क्या था पूरा मामला?
10 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक स्कूल में 8 साल की बच्ची क्लास के लिए जा रही थी। अचानक उसे कुछ ठीक महसूस नहीं हुआ और वह पास में रखी कुर्सी पर बैठ गई। इससे पहले कि टीचर्स और अन्य बच्चे कुछ समझ पाते, बच्ची ने तड़पते हुए अपने प्राण त्याग दिए। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को हार्ट अटैक आया था।
इसी तरह, कुछ दिन पहले कर्नाटक के मैसूर जिले में भी एक 8 साल की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई। ये दोनों घटनाएं अब बच्चों में दिल की बीमारियों को लेकर सवाल उठा रही हैं।
क्या कारण हो सकते हैं बच्चों में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामले?
कार्डियोलॉजी यूनिट के डॉ. का कहना है कि बच्चों में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे
जंक फूड और अनहेल्दी डाइट :
बच्चों की बदलती डाइट, जिसमें जंक फूड, चीनी से भरपूर ड्रिंक्स और ऑयली खाने की आदतें शामिल हैं जो दिल पर बुरा असर डाल रही हैं। यह मोटापा और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाता है, जो दिल की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी :
डिजिटल युग में बच्चे वीडियो गेम्स और मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। जिससे उनका शारीरिक सक्रियता कम हो गया है। इससे दिल पर दबाव पड़ता है और यह उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
जन्मजात दिल की बीमारियां :
कुछ बच्चों में जन्म से ही दिल की बीमारियां हो सकती हैं, जो समय पर पहचान नहीं पाई जातीं और जीवन के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं।
मौजूदा स्वास्थ्य समस्याएं :
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो दिल को कमजोर कर सकती हैं।
मानसिक तनाव :
आजकल के बच्चों पर स्कूल और पढ़ाई का बहुत अधिक दबाव है, जो मानसिक तनाव का कारण बनता है और यह दिल की सेहत को भी प्रभावित कर सकता है।
बचाव के उपाय
बच्चों के दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। जैसे
पोषण से भरपूर डाइट :
बच्चों की डाइट में फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। जंक फूड से बचाने की कोशिश करें।
नियमित शारीरिक गतिविधि :
बच्चों को आउटडोर खेलों और शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उनका दिल स्वस्थ रहे।
सालाना हेल्थ चेकअप :
बच्चों का नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाएं ताकि समय पर किसी भी स्वास्थ्य समस्या का पता चल सके।
स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण :
बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करें और उन्हें शारीरिक सक्रियता और मानसिक रूप से स्वस्थ वातावरण में रहने के लिए प्रेरित करें।
मानसिक तनाव कम करें :
बच्चों को पढ़ाई और अन्य दबावों से मुक्त रखने के लिए एक आरामदायक और बिना तनाव का माहौल बनाएं।
बच्चों में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी समस्याओं का बढ़ना चिंता का विषय है। यह लाइफस्टाइल, आहार और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण हो सकता है। पेरेंट्स और शिक्षक बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करें ताकि बच्चों का दिल स्वस्थ और मजबूत रहे।