वित्त वर्ष 2023-24 में देश की अर्थव्यवस्था 6.5 फीसदी अनुमानित
- Post By Admin on Jan 31 2023

नई दिल्ली : राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया। वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए वित्तीय लेखा-जोखा सदन के पटल पर रखा। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात फीसदी की तुलना में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। केंद्रीय बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। अगामी वित्त वर्ष में कम विकास दर की संभावना है। इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सीतारमण एक फरवरी को अगामी वित्त वर्ष 2023-24 का बजट संसद में पेश करेंगी।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक अर्थव्यवस्था ने कोरोना महामारी काल में जो खोया है, वह लगभग पा लिया है, जो रुका था वो बहाल हो गया। इसके साथ जिसकी गति मंद पड़ी, उसने अपनी गति फिर से हासिल कर ली है। कोरोना महामारी के बाद देश का पुनरुद्धार काफी तेज। वृद्धि को घरेलू मांग से समर्थन, पूंजीगत निवेश तेज हुआ है।
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण और इसके मायने
आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति की जानकारी देने और नीतिगत ‘नुस्खे’ सुझाने के लिए केंद्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण आसान शब्दों में देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा होता है। सरकार इस दस्तावेज के जरिए बताती है कि देश की अर्थव्यवस्था किस स्थिति में है। केंद्र सरकार की योजनाएं कितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जबकि पूरे साल विकास का क्या ट्रेंड रहा। किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ।