मां ब्रह्मचारिणी के तीन पावन मंदिर, जहां भक्तों को मिलता है शक्ति और शांति का आशीर्वाद

  • Post By Admin on Sep 23 2025
मां ब्रह्मचारिणी के तीन पावन मंदिर, जहां भक्तों को मिलता है शक्ति और शांति का आशीर्वाद

नई दिल्ली : शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना विशेष श्रद्धा और विधिपूर्वक की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का महत्व सबसे अधिक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में तप, त्याग, संयम और सदाचार की शक्ति मिलती है।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मां ब्रह्मचारिणी के तीन प्रमुख मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जहां नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश: गंगा के किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर नवरात्रि में श्रद्धालुओं से भरा रहता है। सुबह से ही भक्त दर्शन के लिए आते हैं और रात दो बजे से कतारें लगने लगती हैं। यहां सच्चे मन से पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: शास्त्री नगर स्थित मां पूर्वी देवी बाघम्बारी मंदिर भी मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। नवरात्रि में लाखों श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं। मंदिर में मां को बादाम, काजू और मखाने का भोग अर्पित किया जाता है। यह भोग अर्पित करने का विशेष तरीका माना जाता है, जिससे मां की कृपा प्राप्त होती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि स्थानीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है।

देवास, मध्य प्रदेश: देवास जिले के जंगलों में स्थित बगोई माता का मंदिर मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। यह मंदिर बेहरी से कुछ किलोमीटर दूर है। दूर-दराज से श्रद्धालु यहां माता के चमत्कारी स्वरूप के दर्शन करने आते हैं और सुख-शांति, समृद्धि व सफलता की कामना के साथ माथा टेकते हैं।

तीनों मंदिर नवरात्रि के दौरान मां ब्रह्मचारिणी की शक्ति और कृपा के केंद्र बन जाते हैं। श्रद्धालु इन मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और जीवन में संयम, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति की कामना करते हैं। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।