इस सावन में महादेव की बरसेगी कृपा, बस सही से करना होगा पूजा पाठ

  • Post By Admin on Jul 03 2023
इस सावन में महादेव की बरसेगी कृपा, बस सही से करना होगा पूजा पाठ

धार्मिक दृष्टि से जुलाई माह का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। जुलाई में मौसम बहुत सुहावना होता है और प्रकृति की हरियाली में एक अद्वितीय चमक आ जाती है। सनातन धर्म में, यह माह विशेष महत्व रखता है। इस माह में एक के बाद एक कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे कि गुरु पूर्णिमा, कर्क संक्रांति, पद्मिनी एकादशी, आदि। आषाढ़ माह की समाप्ति 3 जुलाई को होती है और उसके बाद सावन मास की शुरुआत हो जाती है। सावन मास, भगवान शिव का प्रिय मास है।

भगवान शिव के भक्तों के लिए, सावन का महीना एक साल भर का इंतजार होता है। यह मान्यता है कि यदि भक्त सावन में नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और हर सोमवार का व्रत रखते हैं, तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस साल, सावन मास बहुत विशेष है। इस बार आपको शिव जी को प्रसन्न करने के लिए दो महीनों का समय मिलेगा। अधिक मास की वजह से, सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई को होगी और समाप्ति 31 अगस्त 2023 को होगी। भोलेश्वर के भक्त इन 59 दिनों के दौरान उन्हें प्रसन्न करने के उपाय कर सकते हैं। इस सावन मास में, सावन सोमवार के व्रतों की संख्या 8 होगी, और इस तरह भक्त शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए 8 सावन सोमवार के व्रत रख सकेंगे। वैदिक पंचांग के अनुसार, एक चंद्र वर्ष में 354 और एक सौर वर्ष में 365 दिन होते हैं। इन दोनों के बीच 11 दिनों का अंतर होता है और हर तीन साल में यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है। इसी तरह, हर तीसरे साल में 33 दिनों का अलग अतिरिक्त मास होता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है, और इसी वजह से वर्ष 2023 में सावन दो महीनों का हो रहा है।

महादेव की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. स्नान: पूजा की शुरुआत में स्नान करें और शुद्ध हों। यदि संभव हो, तो गंगा जल या पवित्र नदी का जल प्राप्त करें।

  2. पूजा स्थल: एक पवित्र और शांतिपूर्ण स्थान चुनें जहां पूजा का व्यवस्थित आयोजन किया जा सके। एक पूजा मंदिर, या अल्टार या एक सादा साफ कपड़े से सजाया गया स्थान उपयुक्त हो सकता है।

  3. पूजा सामग्री: महादेव की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

    • शिवलिंग: एक प्रतिष्ठित शिवलिंग प्राप्त करें। यदि नहीं मिलता हो, तो पूजा के लिए बने हुए शिवलिंग का उपयोग करें।
    • जल: पवित्र जल लेकर शिवलिंग का स्नान कराएं।
    • धूप और दीप: धूप और दीपक का उपयोग करें शिवलिंग की पूजा करते समय।
    • फूल: मोगरा, चमेली, रोज़ आदि के पुष्प शिवलिंग को अर्पित करें।
    • बेल पत्र: शिवलिंग पर बेल पत्र रखें और उसे घूमाएं।
    • पंचामृत: शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शरबत) चढ़ाएं।
    • प्रसाद: महादेव के प्रिय वस्त्र, फल, नैवेद्य (भोजन) के रूप में भोजन चढ़ाएं और उन्हें पूजा के बाद भोग लगाएं।
  4. पूजा विधि: शिवलिंग को स्वच्छ और सुंदर रखें। फिर अपने आदर्श पुरुषार्थ के साथ शिव की पूजा करें। इसके बाद भजन, कीर्तन, मंत्र जाप, आरती, शंख बजाने आदि करें।

  5. व्रत और तप: महादेव के पूजन में अगर संभव हो तो सावन के महीने में हर सोमवार का व्रत रखें और अनुष्ठान में ध्यान और मेधा बढ़ाने के लिए तप करें।

याद रखें, शिव की पूजा में श्रद्धा और भक्ति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। संयम, शुद्धता, और सत्यनिष्ठा के साथ शिव की पूजा करें और उनकी कृपा को प्राप्त करें।