ब्रह्म मुहूर्त में उठना शरीर और मन दोनों के लिए अच्छा, तनाव भी रहता है दूर : विशेषज्ञ
- Post By Admin on Aug 28 2025
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नई दिल्ली : आयुर्वेद विशेषज्ञों और बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि रोजाना ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में उठना न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी लाभकारी है। इस समय जागने से ताजी हवा मस्तिष्क और शरीर में ऊर्जा का संचार करती है, जिससे याददाश्त बेहतर होती है और तनाव कम होता है।
आयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि इस समय खाली पेट तांबे या मिट्टी के बर्तन का पानी पीना पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है और खून को साफ करने में मदद करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की 2012 की एक स्टडी भी बताती है कि तांबे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं।
सुश्रुत संहिता में नीम, बबूल या खैर से दातून करने की सलाह दी गई है, जिससे दांत मजबूत रहते हैं और मसूड़ों की सफाई होती है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार नाक में घी की बूंदें डालने से मस्तिष्क को पोषण मिलता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
सूर्योदय से पहले योग, प्राणायाम और हल्का व्यायाम करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रक्त संचार दुरुस्त होता है। गुनगुने पानी से स्नान, ध्यान और प्रार्थना मन को सकारात्मक बनाए रखते हैं। विशेषज्ञ हल्के नाश्ते में फल, दलिया या मूंग की खिचड़ी जैसे मौसमी भोजन लेने की सलाह देते हैं।
आयुर्वेदिक दिनचर्या को अपनाकर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों स्तरों पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है।