पेट की जलन और दर्द को न करें अनदेखा, अल्सर का हो सकता है खतरा
- Post By Admin on Aug 28 2025
.jpg)
नई दिल्ली : बदलती जीवनशैली और तनावपूर्ण दिनचर्या पेट से जुड़ी बीमारियों को तेजी से बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार पेट में जलन, दर्द, भारीपन या एसिडिटी जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह पेट में अल्सर की शुरुआत का संकेत हो सकते हैं।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार अल्सर पेट की अंदरूनी परत में घाव बनने की स्थिति है। वहीं आयुर्वेद इसे केवल शारीरिक रोग नहीं, बल्कि मन और शरीर के असंतुलन से जुड़ा विकार मानता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे ‘परिणाम शूल’ या ‘अन्नवह स्रोतों का विकार’ कहा गया है।
चिकित्सकों के मुताबिक लगातार चाय-कॉफी का सेवन, मसालेदार व बासी भोजन, खाली पेट रहना, देर रात तक जागना और मानसिक तनाव अल्सर की प्रमुख वजह बनते हैं। इस रोग में भोजन के बाद पेट में भारीपन, तेज जलन, खट्टी डकारें, उल्टी या मतली जैसी परेशानी होती है। गंभीर स्थिति में खून की उल्टी या काला मल भी आने लगता है।
आधुनिक इलाज में दवाएं तात्कालिक राहत देती हैं, लेकिन लंबे समय तक असरकारी नहीं होतीं। आयुर्वेद अल्सर के मूल कारणों को दूर करने पर जोर देता है। इसमें दोषों को संतुलित कर पाचन शक्ति को मजबूत बनाने की सलाह दी जाती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि मुलेठी का चूर्ण दूध के साथ, शुद्ध देसी घी, एलोवेरा जूस, आंवला, नारियल पानी, धनिया-सौंफ का पानी और शतावरी चूर्ण पेट की परत को आराम देते हैं और अल्सर की स्थिति में लाभकारी सिद्ध होते हैं।