CBSE ने किया बड़ा ऐलान, अब एक साल में दो बार देने होंगे बोर्ड एग्जाम
- Post By Admin on Apr 04 2025

नई दिल्ली: एक तरफ सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन जल्द ही बोर्ड एग्जाम 2024 के रिजल्ट को जारी करने की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सीबीएसई ने हाल ही में नए एकेडमिक सेशन 2025-26 के लिए सिलेबस अपडेट जारी किया है। इसके साथ ही नए टीचिंग मेथड, ग्रेडिंग सिस्टम और प्रैक्टिकल लर्निंग को लेकर कई महत्वपूर्ण ऐलान भी किए गए हैं। बोर्ड ने बुक्स में बदलाव के साथ-साथ पूरे सिस्टम में बदलाव कर बड़ा सुधार लाने की कोशिश की है।
अब से कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए बोर्ड एग्जाम साल में दो बार आयोजित किए जाएंगे। पहला एग्जाम फरवरी में और दूसरा एग्जाम अप्रैल में होगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई छात्र कक्षा 10वीं में मार्च वाली परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे अगले सत्र तक इंतजार नहीं करना होगा। अप्रैल में फिर से एग्जाम देकर सुधार करने का मौका मिलेगा। हालांकि, कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए पहले की तरह केवल एक ही बार एग्जाम होगा।
इसके अलावा, बोर्ड ने ग्रेडिंग सिस्टम में भी बदलाव किया है और अब 9-पॉइंट स्केल लागू किया जाएगा, जो कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणामों में लागू होगा। पहले की तरह A1, A2, B1 जैसे ग्रेड नहीं होंगे, बल्कि अब 9-पॉइंट स्केल का इस्तेमाल होगा। पास होने वाले प्रत्येक 8 छात्रों में से एक को अब एक ग्रेड स्लॉट मिलेगा।
सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए स्किल बेस्ड एजुकेशन पर भी जोर दे रहा है। अब कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों को अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक भाषा को चुनना अनिवार्य कर दिया गया है। कक्षा 12वीं में भी बोर्ड ने 4 नए स्किल इलेक्टिव्स को शामिल किया है, जिनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएट, इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर, फिजिकल एक्विटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल हैं।
अब कक्षा 12वीं के बोर्ड एग्जाम में छात्रों को बेसिक कैलकुलेटर इस्तेमाल करने की अनुमति भी दी जाएगी। वहीं, अगर कक्षा 10वीं के बोर्ड एग्जाम में छात्र फेल हो जाते हैं, तो भी उनके पास पास होने का मौका होगा। यदि कोई छात्र किसी विषय में फेल होता है, तो वह स्किल बेस्ड या ऑप्शनल लैंग्वेज सब्जेक्ट से बदलाव कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी छात्र ने मैथ्स में फेल किया, तो वह स्किल बेस्ड सब्जेक्ट के नंबर को मैथ्स के नंबर की जगह इस्तेमाल कर सकता है।