भारत में कैश लेन देन पर सख्त इनकम टैक्स नियम, ₹10,000 से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर पेनल्टी की संभावना
- Post By Admin on Dec 05 2024

नई दिल्ली : भारत में इनकम टैक्स विभाग ने कैश लेन-देन से संबंधित नए और सख्त नियम लागू किए हैं। जिनका उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना और काले धन के उपयोग को नियंत्रित करना है। इन नियमों के तहत ₹10,000 से ऊपर के कैश ट्रांजैक्शन पर अब पेनल्टी लग सकती है। यह कदम आयकर विभाग द्वारा कैश लेन-देन की निगरानी को सख्त करने और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
2 लाख रुपये से अधिक का कैश ट्रांजैक्शन प्रतिबंधित
आयकर कानून के तहत यदि आप एक ही दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का कैश प्राप्त करते हैं, तो यह नियमों के खिलाफ माना जाएगा। इसके अलावा कई छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन से एक दिन में प्राप्त कुल कैश राशि अगर 2 लाख रुपये से अधिक होती है, तो यह भी अवैध होगा। इस नियम का उल्लंघन करने पर आयकर विभाग भारी पेनल्टी लगा सकता है। यह प्रावधान धारा 269ST के तहत लागू किया गया है।
व्यवसाय खर्चों पर भी कड़ी निगरानी
व्यवसाय के लिए ₹10,000 से अधिक के कैश खर्च पर अब सख्त नियम लागू होंगे। उदाहरण के तौर पर यदि आपने किसी सप्लायर को ₹15,000 कैश में भुगतान किया है, तो यह खर्च आपकी टैक्स गणना में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह ट्रांसपोर्टरों के लिए यह सीमा ₹35,000 तक रखी गई है। इन नियमों के तहत व्यापारियों को कैश के अत्यधिक प्रयोग से बचने के लिए बैंकिंग चैनल्स का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
कैश में लोन और डिपॉजिट पर भी सख्ती
20,000 रुपये से अधिक का लोन या डिपॉजिट यदि कैश में लिया या दिया जाता है, तो यह आयकर कानून का उल्लंघन होगा। ऐसे ट्रांजैक्शन पर 100% पेनल्टी लग सकती है। यह नियम धारा 269SS और 269T के तहत लागू किया गया है और इसका उद्देश्य नकद लेन-देन को सीमित करना और टैक्स चोरी की संभावना को घटाना है।
शादी और व्यक्तिगत आयोजनों पर भी नियंत्रण
यदि आप शादी या अन्य व्यक्तिगत आयोजनों के लिए ₹2,00,000 से अधिक का कैश भुगतान करते हैं, तो यह नियमों के खिलाफ होगा। इसके तहत ऐसे लेन-देन को वित्तीय प्रणाली में ट्रैक किया जाएगा और दोनों पक्षों को आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ सकता है।
बैंक में ₹50,000 से अधिक कैश जमा करने पर पैन अनिवार्य
जब आप बैंक में ₹50,000 या इससे अधिक का कैश जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा यदि किसी वित्तीय वर्ष में आपकी कुल जमा राशि ₹10 लाख से अधिक होती है, तो इसे आयकर विभाग को रिपोर्ट करना होगा। यह नियम काले धन के प्रयोग को रोकने और ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।
संपत्ति खरीदने और बेचने में कैश का उपयोग प्रतिबंधित
यदि आप ₹2,00,000 से अधिक की संपत्ति खरीदते या बेचते हैं, तो इसके लिए आपको कैश का उपयोग नहीं करना होगा। इसके बजाय बैंकिंग चैनल, जैसे चेक, डिमांड ड्राफ्ट या ऑनलाइन ट्रांसफर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। यह नियम संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखने और जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
कैश लेन-देन में सावधानी क्यों जरूरी है?
इन नियमों का उल्लंघन करने से आपको केवल पेनल्टी का सामना नहीं करना पड़ सकता, बल्कि टैक्स चोरी के मामलों में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि आप सभी वित्तीय लेन-देन बैंकिंग चैनल्स के माध्यम से करें और उनका उचित दस्तावेजीकरण रखें। यह न केवल आपके लिए सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपको किसी भी टैक्स नोटिस और पेनल्टी से भी बचाएगा।