केंद्र सरकार की चुप्पी के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप पर सुनवाई का किया फैसला
- Post By Admin on Sep 18 2024

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट किया है कि वह मैरिटल रेप के मामलों पर सुनवाई करेगा, भले ही केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कोई राय नहीं दी है। अदालत ने कहा कि वह यह जांचेगी कि क्या वैवाहिक संबंधों में रेप के आरोपों में पति को कानूनी प्रक्रिया से छूट मिलनी चाहिए या नहीं। यह फैसला तब आया है जब सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई एफिडेविट दाखिल नहीं किया है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, "यह एक कानूनी मामला है। अगर सरकार ने एफिडेविट नहीं दिया है, तब भी हमें इस कानूनी पहलू पर विचार करना होगा।" अदालत ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को पूरी तरह से कानूनी दृष्टिकोण से देखेगी और सरकार की चुप्पी को ध्यान में नहीं रखेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह द्वारा जल्द सुनवाई की मांग उठाए जाने के बाद अदालत ने इस मुद्दे पर फैसला लिया। एक अन्य वकील ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक इस मामले में कोई एफिडेविट दाखिल नहीं किया है, जिससे सुनवाई में देरी हो रहा है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि वे इस कानूनी सवाल पर विचार करेंगे कि क्या आईपीसी के सेक्शन 375 मैरिटल रेप को लेकर पति को कानूनी छूट दी जानी चाहिए या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट फिलहाल उन याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, जो आईपीसी के सेक्शन 375 के एक प्रावधान को चुनौती दे रही हैं। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि इस प्रावधान के तहत वैवाहिक संबंधों में रेप के आरोपों से पति को छूट दी गई है, जो कि गलत है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि रेप में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता और महिलाओं को पति द्वारा भी रेप का शिकार होना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट का भी एक फैसला आया था, जिसमें बेंच की राय में मतभेद थे।