घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट, निफ्टी 25,000 अंक से नीचे
- Post By Admin on Jul 19 2025

नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला इस सप्ताह भी थमता नजर नहीं आया। लगातार तीसरे सप्ताह बाजार लाल निशान में बंद हुए, जहां निफ्टी 25,000 के अहम मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया। शुक्रवार को कारोबार के अंत में सेंसेक्स 501.51 अंक गिरकर 81,757.73 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 143.05 अंक लुढ़क कर 24,968.40 पर पहुंच गया।
आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर के कमजोर नतीजों का असर
विश्लेषकों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजों की धीमी शुरुआत ने बाजार की धारणा पर असर डाला। खासकर आईटी सेक्टर वैश्विक मांग में अनिश्चितता और सतर्क आउटलुक के कारण दबाव में रहा। वहीं, फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में संभावित संकुचन और परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंता बनी हुई है।
एफएमसीजी ने दिखाई मजबूती, बाकी सेक्टरों में बिकवाली हावी
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि एफएमसीजी शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, जो शहरी उपभोग में संभावित तेजी का संकेत है। हालांकि, मीडिया और मेटल को छोड़कर सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। फार्मा, प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक, कैपिटल गुड्स, टेलीकॉम और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.5% से 1% तक की गिरावट देखी गई।
मिडकैप और स्मॉलकैप भी नहीं बच पाए दबाव से
व्यापक बाजारों में भी मुनाफावसूली का दौर जारी रहा। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.7% और स्मॉलकैप 0.8% टूटे। विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों की नजर अब अगले सप्ताह आने वाले हाई-फ्रिक्वेंसी डाटा पॉइंट्स पर टिकी है, जिनमें अमेरिका और भारत दोनों के मैन्युफैक्चरिंग, हाउसिंग और लेबर मार्केट से जुड़ी जानकारियां शामिल होंगी।
आने वाले हफ्ते पर टिकी उम्मीदें
भारत के लिए जुलाई का एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई (प्रारंभिक) प्रमुख आर्थिक संकेतक माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इसमें मजबूती के संकेत मिलते हैं, तो बाजार में सकारात्मक रुख लौट सकता है।
वहीं, वैश्विक स्तर पर यूएस-इंडिया मिनी ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बाजार की पैनी नजर है। किसी अनुकूल समाधान से भारत के निर्यात आधारित सेक्टरों को बल मिल सकता है और उभरते बाजारों में भारत की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
फिलहाल बाजार में सावधानी का माहौल बना हुआ है और निवेशक आगामी आर्थिक आंकड़ों और कॉरपोरेट नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। आने वाले सप्ताहों में ही यह स्पष्ट होगा कि बाजार में गिरावट थमेगी या दबाव और गहराएगा।