महिला संवाद कार्यक्रम ने बढ़ाई गांवों की आशाएं, उठीं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सम्मान की मांगें
- Post By Admin on May 28 2025

लखीसराय : बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ के तहत लखीसराय जिले में महिलाओं के बीच एक नई जागरूकता और बदलाव की लहर दौड़ रही है। संवाद, सहयोग और एकता के मूल मंत्र के साथ चल रहे इस अभियान ने ग्रामीण क्षेत्रों की आधी आबादी को अपनी बात कहने का सशक्त मंच प्रदान किया है।
महिला संवाद कार्यक्रम का मकसद न केवल घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन पर चर्चा करना है, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकारों, योजनाओं और आर्थिक सशक्तिकरण से भी जोड़ना है। इस कार्यक्रम में महिलाओं को बैंकिंग, जीविका समूहों और सरकारी योजनाओं से प्राप्त आर्थिक संसाधनों के सही उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि प्रत्येक परिवार को ₹10,000 मासिक आय के लक्ष्य की ओर बढ़ाया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान लघु फिल्मों और प्रचार सामग्री के जरिए महिलाओं को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, उन महिलाओं और छात्राओं की प्रेरणादायक कहानियां भी साझा की जा रही हैं, जिन्होंने इन योजनाओं से लाभ उठाकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेष संदेश भी महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रहा है।
लखीसराय जिले में यह कार्यक्रम रामगढ़ चौक, हलसी, सदर और चानन में सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। वर्तमान में सूर्यगढ़ा, बड़हिया और पिपरिया प्रखंडों में महिला संवाद कार्यक्रम बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है।
बुधवार को सूर्यगढ़ा के छह गांवों—मोहम्मदपुर, लोसघानी, मदनपुर, कसवां, बुधौली बंकर और अरमा में—महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। इन आयोजनों में महिलाओं ने बुनियादी सुविधाओं की मांग खुलकर रखी।
मोहम्मदपुर की सुदामा देवी ने राशन दुकान में गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त अनाज की मांग की, तो मुंडन देवी ने खेतों में गंदे पानी के जमाव से हो रही समस्याओं को उजागर करते हुए जल निकासी की व्यवस्था की मांग उठाई।
महिला संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से मवेशी पालकों द्वारा पशुशेड निर्माण की मांग को मनरेगा के तहत शामिल किया गया है, वहीं शौचालय से वंचित परिवारों को जीविका ग्राम संगठन द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, सड़कों, पेयजल और भवन निर्माण जैसी सुविधाओं की मांगों को भी अमलीजामा पहनाने की कवायद तेज कर दी गई है।
यह कार्यक्रम महिलाओं को केवल योजनाओं से जोड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें गांवों के समग्र विकास में सहभागी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। संवाद की यह प्रक्रिया ग्रामीण महिलाओं को मांग रखने, सुझाव देने और समाधान पाने की दिशा में एक मजबूत मंच प्रदान कर रही है।
महिला संवाद कार्यक्रम अब सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज में बदलाव की एक जीवंत मिसाल बनती जा रही है।