केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, खरीफ फसलों की एमएसपी में 50% तक की बढ़ोतरी

  • Post By Admin on May 28 2025
केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, खरीफ फसलों की एमएसपी में 50% तक की बढ़ोतरी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने खरीफ की 14 फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) में बड़ा इजाफा किया है। आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत अन्य फसलों की एमएसपी में औसतन 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई एमएसपी 2,369 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है, जो पिछले साल से 69 रुपए ज्यादा है।

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह फैसला 7 करोड़ से अधिक किसानों के हित में है। दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपए बढ़ाकर 8,000 रुपए, उड़द का एमएसपी 400 रुपए बढ़ाकर 7,800 रुपए और मूंग का एमएसपी 86 रुपए बढ़ाकर 8,768 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।

सरकार ने 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (एमआईएसएस) को भी जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण मिलता है। इसके तहत पात्र किसानों को 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता के साथ प्रभावी ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध होगा। यह योजना सरकारी खजाने पर लगभग 15,640 करोड़ रुपए का बोझ डालेगी।

बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी मिली मंजूरी

  • आंध्र प्रदेश में 108 किलोमीटर लंबा बडवेल-नेल्लोर फोर-लेन हाईवे परियोजना मंजूर, जिसकी अनुमानित लागत 3,653 करोड़ रुपए है। यह हाईवे तीन प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोरों को जोड़ते हुए कृष्णपट्टनम पोर्ट तक दूरी घटाएगा और लगभग 43 लाख मानव-दिनों का रोजगार सृजित करेगा।

  • महाराष्ट्र में वर्धा से बल्लारशाह रेल लाइन के दोहरीकरण की मंजूरी, जिससे यात्री और माल दोनों की क्षमता दोगुनी होगी।

  • मध्य प्रदेश के रतलाम-नागदा रेलखंड पर चौथी लाइन बिछाने की मंजूरी, जिसकी लागत लगभग 1,018 करोड़ रुपए होगी।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ाने के लिए इन दोनों मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। कुल अनुमानित लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपए है और परियोजनाओं को 2029-30 तक पूरा किया जाएगा।

यह बड़े फैसले कृषि क्षेत्र और अवसंरचना विकास दोनों के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, जो देश की आर्थिक वृद्धि और किसान कल्याण को नई दिशा देंगे।