स्वस्थ मुस्कान का राज—आयुर्वेद बताएगा मसूड़ों की सूजन से छुटकारे का प्राकृतिक तरीका
- Post By Admin on Nov 09 2025
नई दिल्ली : स्वस्थ दांत और मसूड़े न सिर्फ मुस्कान को आकर्षक बनाते हैं, बल्कि संपूर्ण मुख-स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मसूड़ों में सूजन, दर्द या खून आना शुरू हो जाए, तो यह जिंजीवाइटिस (Gingivitis) का संकेत हो सकता है। समय रहते ध्यान न देने पर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है, जिससे दांत हिलने या गिरने तक की नौबत आ सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार, यह रोग पित्त और रक्त दोष के बढ़ने से होता है, जिससे मसूड़ों के ऊतकों में कमजोरी और सूजन आ जाती है। हालांकि, पारंपरिक आयुर्वेदिक उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
असरदार घरेलू नुस्खे:
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फिटकरी, सेंधा नमक, हरड़ और काली मिर्च का मंजन: इन चारों को बराबर मात्रा में कूटकर मंजन बनाएं और सुबह-शाम हल्के हाथों से मसूड़ों पर मलें। यह सूजन और दर्द दोनों में राहत देता है।
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सोंठ (सूखी अदरक) का सेवन: तीन ग्राम सोंठ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें। यह सूजन और दर्द को कम करता है।
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जली हुई सुपारी का चूर्ण: मसूड़ों से खून आने पर इसका उपयोग लाभकारी है। यह मसूड़ों को सख्त बनाता है और खून आना रोकता है।
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सेंधा नमक और मीठा सोडा से कुल्ला: इन दोनों को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन और दर्द में तुरंत राहत मिलती है।
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प्याज का रस: इसमें मौजूद सल्फर तत्व बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और मसूड़ों को संक्रमण से बचाते हैं।
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त्रिफला क्वाथ: हरड़, बहेड़ा और आंवला का काढ़ा बनाकर दिन में 2–3 बार गरारा करें। यह मसूड़ों की सूजन और खून बहने की समस्या में असरदार है।
रोजमर्रा की देखभाल:
सुबह-शाम ब्रश करने के बाद तिल तेल से ऑयल पुलिंग करना लाभकारी होता है। हर भोजन के बाद कुल्ला करने की आदत डालें, मसालेदार या बहुत गर्म भोजन से बचें और पाचन को दुरुस्त रखें—क्योंकि पेट की गड़बड़ी से भी मसूड़ों में सूजन बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मसूड़ों की समस्या को हल्के में न लें। नियमित मुख-स्वच्छता और संतुलित आहार अपनाने से इस परेशानी से बचा जा सकता है।