आईवीएफ में नई उम्मीद : 35 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए पीजीटी-ए टेस्ट कारगर
- Post By Admin on Aug 25 2025

नई दिल्ली : आईवीएफ से जुड़ी हालिया रिसर्च ने 35 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण दिखाई है। लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों की एक अध्ययन में पाया गया कि इस उम्र की महिलाओं द्वारा भ्रूण का आनुवंशिक परीक्षण (पीजीटी-ए) करवाने से गर्भधारण की सफलता दर बढ़ सकती है।
पीजीटी-ए टेस्ट में भ्रूण को गर्भाशय में डालने से पहले गुणसूत्रों (क्रोमोसोम्स) की जांच की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि भ्रूण में कोई आनुवंशिक गड़बड़ी न हो, जो अधिक उम्र की महिलाओं में गर्भपात या गर्भधारण में असफलता का कारण बन सकती है।
शोध में 100 महिलाओं को शामिल किया गया। इनमें से 50 ने पीजीटी-ए टेस्ट कराया और 50 ने सामान्य आईवीएफ प्रक्रिया अपनाई। नतीजे में टेस्ट कराने वाली महिलाओं में लगभग 72 प्रतिशत को जीवित बच्चे का जन्म हुआ, जबकि सामान्य आईवीएफ में यह दर केवल 52 प्रतिशत रही।
किंग्स कॉलेज लंदन के डॉ. यूसुफ बीबीजौन ने कहा, "35 वर्ष से अधिक उम्र में परिवार शुरू करने वाली महिलाओं में गुणसूत्र असंतुलन की संभावना अधिक होती है। पीजीटी-ए का इस्तेमाल उन्हें जल्दी और बेहतर परिणाम दिला सकता है और भावनात्मक तनाव को कम कर सकता है।"
विशेष रूप से यह देखा गया कि टेस्ट कराने वाली महिलाओं को कम ट्रांसफर में ही गर्भधारण हुआ, जिससे समय और मानसिक दबाव दोनों की बचत हुई।
डॉ. शेष सुंकारा के अनुसार, अगर बड़े पैमाने पर अध्ययन भी इस निष्कर्ष की पुष्टि करते हैं, तो पीजीटी-ए टेस्ट भविष्य में 35 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए आईवीएफ प्रक्रिया का अहम हिस्सा बन सकता है। इससे न केवल समय और खर्च की बचत होगी, बल्कि बार-बार असफल प्रयासों का भावनात्मक बोझ भी कम होगा।