त्रिपुर सुंदरी मंदिर पुनर्विकास : पीएम मोदी के विजन में आध्यात्मिक पर्यटन की नई दिशा
- Post By Admin on Sep 22 2025

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक पर्यटन के विजन के तहत त्रिपुर सुंदरी मंदिर का पुनर्विकास पूर्वोत्तर भारत में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह मंदिर त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर कस्बे में स्थित 51 शक्ति पीठों में से एक है और इसे स्थानीय लोग त्रिपुरेश्वरी मंदिर या माताबाड़ी के नाम से भी जानते हैं।
किंवदंती है कि यह वही स्थान है, जहां देवी सती का दाहिना पैर गिरा था। माता त्रिपुर सुंदरी को षोडशी और ललिता के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें सर्वोच्च देवी के रूप में पूजा जाता है। 1501 में महाराजा धन्य माणिक्य द्वारा निर्मित यह मंदिर हिंदू धर्म के वैष्णव और शाक्त संप्रदायों का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
मंदिर की खासियत इसमें भगवान विष्णु की शालग्राम शिला के साथ शक्ति देवी की पूजा और शिव-शक्ति का मिलन है। गर्भगृह बंगाली एक-रत्न शैली में चौकोर आकार में बना है और पहाड़ी की कूबड़ जैसी संरचना के कारण इसे कूर्म पीठ भी कहा जाता है। मूर्ति के पैरों के नीचे स्थित श्री यंत्र ब्रह्मांड और पुरुष-स्त्री ऊर्जा के दिव्य मिलन का प्रतीक है।
हाल ही में मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत संगमरमर के फर्श, नए रास्ते, प्रवेश द्वार, बाड़, पेड़ा स्टॉल, ध्यान कक्ष, अतिथि आवास और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत 54.04 करोड़ रुपए है, जिसमें केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत 34.43 करोड़ और राज्य योजना से 17.61 करोड़ रुपए शामिल हैं।
परियोजना पूरी होने के बाद त्रिपुर सुंदरी मंदिर हर दिन लगभग 5,000-7,000 तीर्थयात्रियों को आकर्षित करेगा। इससे स्थानीय होटलों, गाइडों, टैक्सी मालिकों और अन्य व्यवसायों को रोजगार और आर्थिक लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का विजन धार्मिक पर्यटन को विरासत और विकास का सेतु बनाने का है। त्रिपुर सुंदरी मंदिर का यह पुनर्विकास उदयपुर को एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा और भारत के पूर्वोत्तर को धार्मिक-आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाएगा।