भारत-ओमान सीईपीए से खाड़ी देशों के साथ व्यापार व निवेश के नए द्वार खुलने की उम्मीद
- Post By Admin on Aug 10 2025
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नई दिल्ली : भारत और ओमान के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) इस महीने अंतिम रूप लेने की संभावना है, जो वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और श्रम गतिशीलता को शामिल करेगा। यह समझौता न केवल टैरिफ में कटौती करेगा बल्कि दक्षिण एशिया और खाड़ी देशों के बीच एक रणनीतिक आर्थिक पुल का काम करेगा।
इंडिया नैरेटिव के अनुसार, सीईपीए के तहत भारत को ओमान के बाजार तक टैरिफ-मुक्त पहुंच मिलेगी, साथ ही ऊर्जा आपूर्ति और श्रम हितों की सुरक्षा होगी। लोहा-इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, ऑटोमोटिव कंपोनेंट और मशीनरी जैसे भारतीय निर्यातों पर 5% सीमा शुल्क हटने से ‘मेक इन इंडिया’ क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा, उद्योग विस्तार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
यह समझौता भारतीय लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) को भी आकर्षक खाड़ी बाजार में बिना टैरिफ प्रवेश का अवसर देगा। वहीं, ओमान और अन्य खाड़ी देशों से भारतीय बंदरगाह, इंडस्ट्रियल कॉरीडोर और लॉजिस्टिक्स हब में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। भारत भी ओमानी बंदरगाह दुकम में साझेदारी कर समुद्री संपर्क को मजबूत कर सकता है।
श्रम नीति को लेकर वार्ता में भारत ने 4.8 लाख प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा के लिए ओमान की "ओमानीकरण" नीति में स्पष्ट छूट की मांग की, जिससे भविष्य के नीतिगत बदलावों का उन पर नकारात्मक असर न हो।
ऊर्जा के मोर्चे पर, कच्चे तेल, एलएनजी और उर्वरकों के आयात पर टैरिफ घटने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिम कम होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता खाड़ी क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, खासकर ऐसे समय में जब चीन वहां अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ा रहा है।