नेपाल में बाढ़-भूस्खलन से तबाही, पीएम मोदी बोले — भारत नेपाल के साथ, हर संभव मदद को तैयार
- Post By Admin on Oct 05 2025
नई दिल्ली : नेपाल में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचा दी है। कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दर्जनों घर ढह गए हैं, सड़कें और पुल बह गए हैं, जबकि कई लोगों की मौत और कई अन्य के लापता होने की खबर है। इस आपदा पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है और नेपाल को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से हुई जनहानि और क्षति अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में भारत, नेपाल की जनता और सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। एक मित्रवत पड़ोसी और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
नेपाल के पूर्वी और मध्य भागों में लगातार बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। दार्जिलिंग की सीमा से सटे इलाम जिले में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली है। इलाम की मुख्य जिला अधिकारी सुनीता नेपाल के अनुसार, शनिवार रात हुए भूस्खलन में तीन मकान पूरी तरह ढह गए, जिनमें दबकर 14 लोगों की मौत हो गई। कई अन्य लोग घायल हुए हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सुनीता नेपाल ने बताया कि भारी बारिश के चलते मेची राजमार्ग के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे इलाम और झापा जिलों के बीच संपर्क पूरी तरह टूट गया है। बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन फिसलन और लगातार बारिश के कारण राहत टीमों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
नेपाल के जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि शुक्रवार से शुरू हुई बारिश के बाद रविवार सुबह थोड़ी राहत मिली, लेकिन दोपहर और रात में फिर से भारी वर्षा की संभावना है। विभाग ने पूर्वी कोशी प्रांत के पर्वतीय जिलों में भूस्खलन और बाढ़ की नई चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के अनुसार, काठमांडू घाटी और आसपास के जिलों — ललितपुर, मोरंग, सुनसरी, उदयपुर, सप्तरी, सिराहा, धनुषा, सरलाही, सिंधुली और रामेछाप — में रविवार सुबह तक हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। हालांकि, विभाग ने चेतावनी दी है कि नदी-नालों के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो सकती है।
बाढ़ और भूस्खलन से कई मुख्य राजमार्गों को नुकसान पहुंचा है। पृथ्वी राजमार्ग, जो काठमांडू को पश्चिमी नेपाल से जोड़ता है, बीपी राजमार्ग, जो दक्षिण-पूर्वी नेपाल से राजधानी तक पहुंच का मुख्य रास्ता है, और अरानिको राजमार्ग, जो चीन सीमा तक जाता है — तीनों प्रमुख मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप है।
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को देश को संबोधित करते हुए नागरिकों से घरों में ही रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “वर्तमान स्थिति अत्यंत गंभीर है। कृपया अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। सरकार नागरिकों की सुरक्षा और राहत के हर संभव प्रयास कर रही है।”
नेपाल सरकार ने राहत और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल, पुलिस और सेना को लगाया है। भारतीय दूतावास ने भी नेपाल सरकार से लगातार संपर्क बनाए रखा है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने आपात राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
नेपाल के दक्षिणी और पहाड़ी इलाकों में फिलहाल लाल चेतावनी जारी है, जबकि कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले 48 घंटे नेपाल के लिए बेहद अहम होंगे।