अहमदाबाद विमान हादसे पर केंद्र ने गठित की उच्च स्तरीय जांच समिति, तीन महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
- Post By Admin on Jun 14 2025
 
                    
                    नई दिल्ली : अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन कर दिया है। यह समिति एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 की दुर्घटना के पीछे के कारणों की पड़ताल करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने हेतु नए दिशा-निर्देश तैयार करेगी। हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत कई डॉक्टर्स और यात्री शामिल थे। केवल एक यात्री जीवित बचा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, समिति मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की समीक्षा करेगी और विस्तृत सिफारिशें तैयार कर सरकार को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गृह सचिव होंगे समिति के अध्यक्ष
इस समिति की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्रालय के गृह सचिव करेंगे। समिति में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, गुजरात सरकार, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय वायुसेना, डीजीसीए, बीसीएएस, खुफिया ब्यूरो और फॉरेंसिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर विमानन विशेषज्ञ, कानूनी सलाहकार और दुर्घटना जांचकर्ताओं को भी समिति में जोड़ा जाएगा।
समिति को हादसे से संबंधित सभी रिकॉर्ड जैसे फ्लाइट डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान के रखरखाव दस्तावेज, एटीसी लॉग और चश्मदीदों के बयान तक पहुंच प्रदान की जाएगी। इसके अलावा समिति विमान चालक दल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारियों और अन्य संबंधित कर्मियों से पूछताछ कर आवश्यक तथ्य जुटाएगी।
डीजीसीए ने ड्रीमलाइनर विमानों की जांच के दिए आदेश
इस हादसे के मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष तकनीकी जांच का आदेश भी दिया है। जांच में विमान के ईंधन प्रणाली, इंजन नियंत्रण, टेकऑफ प्रदर्शन, हाइड्रोलिक प्रणाली और एयर कंप्रेसर से जुड़ी तकनीकी खामियों का परीक्षण किया जाएगा। डीजीसीए ने सभी संबंधित विमानों का दो सप्ताह के भीतर 'पावर एश्योरेंस चेक' अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया है।
हादसे की पृष्ठभूमि
एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 ने 12 जून की सुबह अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के महज एक मिनट बाद ही विमान पास की इमारतों से टकरा गया। टक्कर के कारण विमान में आग लग गई और देखते ही देखते वह मलबे में तब्दील हो गया। हादसे में इमारत में मौजूद 24 से अधिक लोग, जिनमें अधिकतर डॉक्टर थे, भी जान गंवा बैठे।
सरकार की प्राथमिकता: भविष्य में हादसे रोकने के उपाय
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह समिति केवल निवारक उपायों पर ध्यान केंद्रित करेगी और मौजूदा जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही क्रिमिनल या तकनीकी जांच के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेगी। इसका मकसद भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यापक और व्यावहारिक एसओपी तैयार करना है।
यह जांच समिति विमानन सुरक्षा की दिशा में केंद्र सरकार की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। देशभर से हादसे को लेकर दुख और आक्रोश जताया जा रहा है, वहीं पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और विमानन सुरक्षा मानकों को मजबूत करने की मांग तेज हो रही है।