वायुसेना प्रमुख का खुलासा : ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में 300 किमी तक किया हमला

  • Post By Admin on Oct 03 2025
वायुसेना प्रमुख का खुलासा : ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान में 300 किमी तक किया हमला

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शुक्रवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर तक लगभग 300 किलोमीटर तक कार्रवाई की। उन्होंने इसे अब तक की सबसे लंबी दूरी की सर्जिकल कार्रवाई बताया और कहा कि अभियान ने दुश्मन के संचालन को बाधित कर दिया।

एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया कि ऑपरेशन का उद्देश्य उन तत्वों और ठिकानों को निशाना बनाना था जो भारत में निर्दोष नागरिकों पर हमलों में शामिल थे। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने रणनीतिक और सावधान प्रयासों के साथ दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश कर उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य भेद किए।" उन्होंने ऑपरेशन की सफलता में वायु रक्षा व्यवस्था, निगरानी क्षमताओं और इकाइयों के समन्वय को अहम बताया।

पाकिस्तान की ओर से भारतीय विमानों को मार गिराने के दावों का जवाब देते हुए ए.पी. सिंह ने कहा कि ऐसे दावे वास्तविक तथ्यों पर आधारित नहीं दिखते। उन्होंने कहा, "अगर वे (पाकिस्तान) कहते हैं कि उन्होंने हमारे कई जेट गिरा दिए तो उन्हें अपनी कहानियां रहने दीजिए — हमारी सूचनाएँ और तस्वीरें जो हमने साझा कीं, उनका समर्थन नहीं कर पा रहीं।" उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सार्वजनिक मंच पर विस्तृत नुकसान या रणनीति का ब्योरा देने के पक्ष में नहीं हैं।

वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन के नैतिक और कानूनी पक्ष पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय 'पहलगाम की घटना' जैसी जघन्य घटनाओं के जवाब में लिया गया था, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके और आगे से ऐसे कृत्यों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि इस अभियान में प्राथमिकता आतंकवाद से जुड़े प्रमुख ठिकानों और उन लोगों को निशाना बनाना था जिनका प्रत्यक्ष संबंध हमले और हिंसा से था।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ए.पी. सिंह ने यह भी इंगित किया कि सैन्य कार्रवाइयों के असर और उपलब्धियों का आकलन केवल दावों के आधार पर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध तस्वीरों और सैदान्तिक सबूतों के आधार पर ही निष्कर्ष निकाले जाने चाहिए और अफवाहों व अतिशयोक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा पार कार्रवाइयां — चाहे वे स्पेशल ऑपरेशन हों या एयर स्ट्राइक — जटिल राजनीतिक-रणनीतिक संदेश भी होती हैं जिनका प्रभाव दो देशों के कूटनीतिक रिश्तों, क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं पर पड़ता है। ऐसे कदमों के बाद दीर्घकालिक रणनीतियों, सुरक्षा गाइडलाइन्स और युद्धविराम/वार्ता के विकल्पों पर राजनीतिक स्तर पर भी बहस तेज हो सकती है।

हालांकि वायुसेना प्रमुख ने योजनागत और तकनीकी ब्योरे साझा करने से इनकार किया, उनकी टिप्पणियों से यह संकेत मिलता है कि ऑपरेशन सिंदूर को सावधानीपूर्वक योजना और उच्च स्तर के समन्वय के साथ संचालित किया गया — एक कदम जिसे सेना ने सटीकता व जवाबदेही के संदेश के रूप में पेश किया है।

सरकारी स्रोतों और रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे अभियानों के बाद क्षेत्रीय तनाव और मीडिया पर चलने वाली प्रचार-प्रसार दोनों तेज हो जाते हैं; इसलिए परिस्थितियों का शांतिपूर्ण समाधान और कूटनीतिक संवाद ही प्राथमिकता होना चाहिए — ऐसी अपील भी समय-समय पर उठती रही है।

वायुसेना प्रमुख के इन बयानों के बाद पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख पर भी नजरें टिक गई हैं। आने वाले दिनों में दोनों पक्षों की आधिकारिक प्रतिक्रियाओं और किसी संभावित कूटनीतिक पहल की जानकारी से ही स्थिति का समग्र आकलन संभव होगा।