वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत का कपड़ा निर्यात बढ़ा, जुलाई में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि
- Post By Admin on Aug 21 2025

नई दिल्ली : वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापारिक चुनौतियों के बावजूद भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र मजबूती दिखा रहा है। जुलाई 2025 में इस क्षेत्र का निर्यात 5.3 प्रतिशत बढ़कर 3.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष जुलाई में यह आंकड़ा 2.94 अरब डॉलर था।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डीजीसीआईएस) के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2025 की अवधि में कपड़ा निर्यात 3.87 प्रतिशत बढ़कर 12.18 अरब डॉलर हो गया।
विभागवार प्रदर्शन
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रेडीमेड गारमेंट्स : जुलाई में निर्यात 1.34 अरब डॉलर रहा, जो सालाना आधार पर 4.75% अधिक है। अप्रैल-जुलाई के लिए निर्यात 7.87% बढ़कर 5.53 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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सूती वस्त्र : जुलाई में 5.2% की वृद्धि दर्ज कर 1.02 अरब डॉलर तक पहुंचा, हालांकि अप्रैल-जुलाई में संचयी निर्यात 3.88 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
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कालीन : जुलाई में 8% की बढ़त के साथ 133 मिलियन डॉलर पर पहुंचा।
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हस्तशिल्प : जुलाई में 10% से अधिक की मजबूत वृद्धि दर्ज कर 153.4 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट्स, जूट, कालीन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों की मांग ने वृद्धि की रफ्तार बनाए रखी है। मंत्रालय के अनुसार, भारत की उत्पाद क्षमता कपास और एमएमएफ-आधारित वस्त्रों से लेकर पारंपरिक हस्तशिल्प और पर्यावरण-अनुकूल जूट तक फैली हुई है, जो वैश्विक बाजार में इसकी ताकत को दर्शाती है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि आरओएससीटीएल, आरओडीटीईपी, पीएलआई योजना, पीएम मित्रा पार्क और नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी सरकारी पहलों ने उद्योग को आधुनिक बनाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और उत्पादन क्षमता में विविधीकरण में अहम भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात में यह वृद्धि भारत के लिए रोजगार और आर्थिक विकास दोनों को मजबूती प्रदान करेगी।