जाति नहीं आर्थिक आधार पर दिया जाए आरक्षण, संसद में हो चर्चा : पूर्व पीएम देवगौड़ा 

  • Post By Admin on Dec 18 2024
जाति नहीं आर्थिक आधार पर दिया जाए आरक्षण, संसद में हो चर्चा : पूर्व पीएम देवगौड़ा 

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी देवगौड़ा ने बीते मंगलवार को राज्यसभा में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि संसद को यह विचार करना चाहिए कि क्या आरक्षण जाति आधारित व्यवस्था को जारी रखना चाहिए या इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक सीमित कर दिया जाए।

संविधान पर चर्चा करते हुए देवगौड़ा ने आरक्षण के उद्देश्य और इसके प्रभाव पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “यह सदन और देश के नेताओं का दायित्व है कि वे विचार करें कि क्या वर्तमान आरक्षण प्रणाली गरीबों और वंचितों को उनके हालात से उबारने में सफल रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि आज भी लाखों लोग गरीबी में जी रहे हैं और दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस स्थिति में उन्होंने जोर दिया कि समाज के सबसे गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करें और इस पर एक राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा आयोजित करें। उनका मानना था कि आरक्षण का उद्देश्य समाज के उन वर्गों की मदद करना चाहिए जो आर्थिक रूप से सबसे अधिक वंचित हैं न कि केवल जातिगत आधार पर।

इसके अलावा देवगौड़ा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान की भी सराहना की और कहा कि यह संविधान हर चुनौती का सामना करते हुए अपनी प्रासंगिकता साबित करता है। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा बताया और कहा कि संविधान ने समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा की है।

संसद में होनी चाहिए आरक्षण पर चर्चा 

देवगौड़ा ने संसद में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि इस समय समाज में आर्थिक असमानता इतनी बढ़ चुकी है कि जाति आधारित आरक्षण की तुलना में अब आर्थिक आधार पर आरक्षण की जरूरत अधिक महसूस हो रही है।