लाल किले से पीएम मोदी ने बताया आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ, 100 साल की सेवा को सराहा
- Post By Admin on Aug 15 2025

नई दिल्ली : 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जमकर सराहना की और इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) करार दिया। उन्होंने कहा कि संघ ने पिछले 100 वर्षों से राष्ट्र और समाज की सेवा गौरवपूर्ण ढंग से की है।
प्रधानमंत्री ने आरएसएस के सेवा कार्यों को महत्व देते हुए कहा कि संगठन ने हमेशा आपदा और कठिन परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटा। उन्होंने बताया कि संघ के स्वयंसेवक झुग्गी-बस्तियों में सेवा, आदिवासी कल्याण और लाखों बच्चों को सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने जैसे काम करते हैं। सेवा भारती संगठन के माध्यम से ये 1,25,000 सेवा प्रकल्प चला रहे हैं।
आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संगठन का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और समाज को संगठित करना रहा है। संघ ने पिछले एक शताब्दी में शिक्षा, श्रम, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसकी शाखाएं देश भर में 57 हजार से अधिक स्थानों पर सक्रिय हैं।
संघ के माध्यम से चलाए गए संगठन जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और विद्या भारती ने शिक्षा, श्रम और सामाजिक समरसता में क्रांतिकारी बदलाव लाए। आरएसएस ने आदिवासी क्षेत्रों में भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से कार्य किया और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी सक्रिय भूमिका निभाई।
आरएसएस की दैनिक शाखाओं में स्वयंसेवक शारीरिक व्यायाम, देशभक्ति गीत और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। भगवा ध्वज के समक्ष सामूहिक प्रार्थना और भारत माता की जय का उद्घोष समाज में अनुशासन, एकता और देशभक्ति की भावना को मजबूत करता है। संघ का हिंदू दर्शन, जो मानवता, प्रकृति और आध्यात्मिकता पर आधारित है, वैश्विक स्तर पर भी प्रासंगिक माना जाता है।