चीन के विदेश मंत्री वांग यी पहुंचे दिल्ली, द्विपक्षीय और सीमा मुद्दों पर होगी अहम चर्चा
- Post By Admin on Aug 18 2025
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नई दिल्ली : चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा विवाद और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता का नया दौर शुरू करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी भेंट भी प्रस्तावित है, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वांग यी के आगमन की जानकारी देते हुए कहा, “चीन के विदेश मंत्री वांग यी का नई दिल्ली में स्वागत है। अगले दो दिनों में भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की बैठक और द्विपक्षीय संबंधों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श होगा।”
बीजिंग से जारी बयान में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वांग यी की भारत यात्रा दोनों देशों को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच पिछले वर्ष बनी सहमति को लागू करने में मदद करेगी। चीन की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि उनका उद्देश्य उच्च स्तरीय संवाद बनाए रखना, राजनीतिक विश्वास बढ़ाना, व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करना, मतभेदों का प्रबंधन करना और संबंधों को स्थिर एवं स्वस्थ तरीके से आगे बढ़ाना है।
इस दौरे के दौरान सीमा स्थिति, व्यापार, निवेश, उड़ान सेवाओं की बहाली और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हो सकती है। मंगलवार को वांग यी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी से भेंट भी करेंगे। यह बैठक इसलिए विशेष महत्व की है क्योंकि इसके बाद पीएम मोदी इस माह के अंत में तिआनजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे।
गौरतलब है कि यह पीएम मोदी की 2020 के गलवान संघर्ष के बाद पहली चीन यात्रा होगी। एलएसी पर हुए टकराव ने तब दोनों देशों के संबंधों को काफी प्रभावित किया था। हाल ही में भारत और चीन के बीच गश्ती समझौते पर सहमति बनी है, जिससे चार साल लंबी सीमा गतिरोध को समाप्त करने का रास्ता खुला।
इससे पहले जुलाई में विदेश मंत्री जयशंकर चीन गए थे और एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था, जहां उन्होंने वांग यी के साथ द्विपक्षीय चर्चा की थी। जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी चीन का दौरा कर चुके हैं, लेकिन भारत ने आतंकवाद से जुड़े चिंताओं को शामिल न करने के कारण एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया था। जुलाई में एनएसए अजीत डोभाल भी बीजिंग में एससीओ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में शामिल हुए थे और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया था।