नई जीएसटी दरें : जानिए 22 सितंबर से किन-किन चीजों की कीमतों में आएगी कमी

  • Post By Admin on Sep 04 2025
नई जीएसटी दरें : जानिए 22 सितंबर से किन-किन चीजों की कीमतों में आएगी कमी

नई दिल्ली : जीएसटी परिषद ने देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जिसके तहत 22 सितंबर से कई उत्पादों और सेवाओं पर टैक्स दरों में कटौती लागू होगी। इस कदम से आम जनता को सीधे वित्तीय राहत मिलेगी और महंगाई पर नियंत्रण में मदद मिलेगी।

नई व्यवस्था के तहत जीएसटी स्लैब को चार (5%, 12%, 18%, 28%) से घटाकर दो (5% और 18%) कर दिया गया है। वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर अब 40% का कर लगाया जाएगा, जिसमें लग्जरी कार, सिगरेट, तंबाकू और अन्य प्रीमियम वस्तुएं शामिल हैं।

खाद्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं:

  • दुग्ध उत्पाद: अल्ट्रा-हाई टेंपरेचर (यूएचटी) दूध अब टैक्स फ्री होगा। कंडेंस्ड मिल्क, मक्खन, घी, पनीर और चीज पर कर 12% से घटाकर 5% किया गया।

  • खाद्य पदार्थ: माल्ट, स्टार्च, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, बिस्कुट, चॉकलेट और कोको उत्पाद पर टैक्स 12-18% से घटाकर 5% हुआ।

  • ड्राई फ्रूट्स: बादाम, पिस्ता, हेज़लनट, काजू और खजूर पर अब 5% टैक्स।

  • चीनी और मीठे उत्पाद: प्रोसेस्ड चीनी, सिरप, टॉफी और कैंडी पर 5% टैक्स लागू।

  • पैकेज्ड फूड्स: नमकीन, भुजिया, मिक्सचर आदि पर 12% से घटाकर 5% टैक्स।

कृषि और उर्वरक:

  • उर्वरक पर टैक्स 12-18% से घटाकर 5% किया गया।

  • बीज, पोषक तत्व और ट्रैक्टर पर भी टैक्स 12% से घटकर 5% हुआ।

हेल्थकेयर और दवाएं:

  • जीवन रक्षक दवाओं और स्वास्थ्य उपकरणों पर टैक्स 12-18% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया।

  • थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर और सामान्य चिकित्सा उपकरण अब 5% स्लैब में आएंगे।

  • व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर अब कोई कर नहीं लगेगा।

कंज्यूमर गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक्स:

  • एसी और टीवी पर टैक्स 28% से घटाकर 18% हुआ।

  • जूते और कपड़ों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।

ऑटोमोबाइल और परिवहन:

  • 1200 सीसी और 4 मीटर तक की पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी और सीएनजी कारों पर टैक्स 28% से घटाकर 18%।

  • 1500 सीसी और 4 मीटर तक की डीजल/डीजल हाइब्रिड कारों पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18%।

  • 350 सीसी और उससे कम की मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन और ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया।

इस नए जीएसटी ढांचे से न सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव कम होगा, बल्कि बाजार में उत्पादों की कीमतों में भी गिरावट आने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम आर्थिक सक्रियता और घरेलू मांग को बढ़ावा देगा।