जीएसटी रिफॉर्म से भारत की अर्थव्यवस्था में जुड़े पंचरत्न : पीएम मोदी
- Post By Admin on Sep 04 2025
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के साथ बातचीत में कहा कि शिक्षक केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं रहते, बल्कि युवा शक्ति के चरित्र निर्माण और जिज्ञासा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जीएसटी रिफॉर्म को भारत की अर्थव्यवस्था में ‘पंचरत्न’ जोड़ने वाला कदम करार दिया।
पीएम मोदी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पुरस्कार के लिए आपका चयन आपके परिश्रम और निरंतर साधना का प्रमाण है। एक शिक्षक सिर्फ वर्तमान नहीं गढ़ता, बल्कि देश की भावी पीढ़ी का भविष्य भी संवारता है। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा हमारी संस्कृति की बड़ी ताकत है और शिक्षक मजबूत देश और सशक्त समाज की बुनियाद होते हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर जीएसटी प्रणाली को और सरल बना दिया है। अब मुख्य रूप से दो ही दरें – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत – रह गई हैं। नई दरें 22 सितंबर, नवरात्र के पहले दिन से लागू होंगी।
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी सुधारों से धनतेरस और छठ पूजा की खुशियों में इजाफा होगा। 8 साल पहले जीएसटी लागू होने से कई दशकों का सपना साकार हुआ और यह आजाद भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक है। उन्होंने इसे ‘जीएसटी 2.0’ बताते हुए कहा कि नए रिफॉर्म से गरीब, नव-मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग, महिलाएं, छात्र, किसान और नौजवान सभी को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधार के पंचरत्न की व्याख्या करते हुए कहा:
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टैक्स सिस्टम अब और सरल हुआ।
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नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी।
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उपभोग और आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी।
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व्यापार, निवेश और नौकरियों को बढ़ावा मिलेगा।
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विकसित भारत के लिए सहकारी संघवाद मजबूत होगा।
उन्होंने पिछली सरकारों की तुलना करते हुए कहा कि पहले विभिन्न वस्तुओं पर अत्यधिक टैक्स लगता था। 2014 में उनके नेतृत्व में सरकार ने आम लोगों के जीवन में बचत बढ़ाने और जीवन स्तर सुधारने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधारों का यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा और आत्मनिर्भरता केवल नारा नहीं, बल्कि ठोस प्रयासों का परिणाम है।