भारत की चिंताओं पर चीन का आश्वासन, रेयर अर्थ और फर्टिलाइजर सप्लाई पर समाधान का वादा

  • Post By Admin on Aug 19 2025
भारत की चिंताओं पर चीन का आश्वासन, रेयर अर्थ और फर्टिलाइजर सप्लाई पर समाधान का वादा

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर एक सकारात्मक संकेत सामने आया है। चीन ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह रेयर अर्थ, फर्टिलाइजर और सुरंग खोदने वाली मशीनों से जुड़ी भारत की प्रमुख चिंताओं का समाधान करेगा। यह भरोसा चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ हुई बातचीत में दिया।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बीजिंग ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत की आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक विकास को देखते हुए इन महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी। चीन इस समय वैश्विक स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, रक्षा तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहनों और बड़े औद्योगिक संयंत्रों में होता है। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के कारण चीन ने रेयर अर्थ निर्यात पर प्रतिबंध लगाए थे, जिसका असर उन देशों पर पड़ा जो इस आयात पर निर्भर हैं। ऐसे में भारत को चीन का यह भरोसा रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है।

दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे वांग यी ने इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता का नया दौर आयोजित करने की भी योजना बनाई है। साथ ही, उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने की संभावना है। माना जा रहा है कि इन बैठकों में दोनों पक्ष न केवल व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे, बल्कि सीमा की मौजूदा स्थिति, आतंकवाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता और बहुपक्षीय सहयोग पर भी विचार करेंगे।

चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वांग यी की यात्रा का उद्देश्य पिछले वर्ष राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बनी सहमति को आगे बढ़ाना है। वहीं, जयशंकर ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि भारत और चीन दोनों ही बड़े पड़ोसी और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अहम शक्तियां हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा बहुआयामी है और व्यापार में अनावश्यक प्रतिबंधों और बाधाओं से बचना जरूरी है।

जयशंकर ने कहा, “जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं तो स्वाभाविक रूप से वैश्विक परिदृश्य पर भी चर्चा होती है। भारत-चीन रिश्तों में संतुलन और स्थिरता के लिए मल्टी-पोलर विश्व व्यवस्था और मल्टी-पोलर एशिया अनिवार्य है। आज के परिवेश में सुधारित बहुपक्षवाद समय की जरूरत है। साथ ही, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और उसे आगे बढ़ाना भी उतना ही आवश्यक है।”

उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ संयुक्त लड़ाई पर भी जोर दिया और कहा कि दोनों देशों को इस दिशा में ठोस सहयोग बढ़ाना होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की यह पहल भारत-चीन संबंधों में तनाव कम करने और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने का प्रयास है। खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन को लेकर अस्थिरता बनी हुई है, चीन का यह आश्वासन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक उपलब्धि माना जा रहा है।