ब्रह्मांड की पहली आवाज़ों का रहस्य खोलेगा क्रेडिट कार्ड जितना छोटा कंप्यूटर
- Post By Admin on Sep 01 2025
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नई दिल्ली : वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमयी गूंज — ‘कॉस्मिक डॉन’ की आवाज़ों को पकड़ने के लिए एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) की टीम ने ‘प्रतुष’ नामक एक अनोखा अंतरिक्ष पेलोड डिजाइन किया है, जिसमें क्रेडिट कार्ड के आकार का कॉम्पैक्ट सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर (एसबीसी) प्रमुख भूमिका निभाएगा।
यह कंप्यूटर-आधारित डिजिटल रिसीवर सिस्टम भविष्य में चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किए जाने वाले रेडियोमीटर के केंद्र में होगा। इसका मकसद है अरबों साल पहले के उस दौर की आवाज़ें सुनना जब ब्रह्मांड में पहली बार तारे और आकाशगंगाएं बनी थीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कॉस्मिक डॉन को समझना, ब्रह्मांड के विकास की दिशा को जानने की कुंजी है।
‘प्रतुष’ सिस्टम हाइड्रोजन परमाणुओं से निकलने वाले 21 सेंटीमीटर सिग्नल का पता लगाएगा। यह बेहद मंद रेडियो सिग्नल लाखों गुना शक्तिशाली हस्तक्षेप के बीच छिपा होता है। वैज्ञानिकों का कहना है, इसे पकड़ना शोरगुल भरे स्टेडियम में किसी की धीमी फुसफुसाहट सुनने जैसा है। पृथ्वी पर यह सिग्नल एफएम प्रसारण और रेडियो शोर के बीच दब जाता है, इसलिए इसे चंद्रमा के सुदूर क्षेत्र — सबसे रेडियो-शांत स्थान — से पकड़ने की योजना बनाई जा रही है।
इस मिशन के लिए विकसित डिजिटल रिसीवर सिस्टम रास्पबेरी पाई आधारित एसबीसी, एंटीना, एनालॉग रिसीवर और एफपीजीए चिप को समन्वित करता है। यह प्रणाली अंतरिक्ष पेलोड की कठोर आवश्यकताओं — आकार, भार और शक्ति की सीमाओं — के अनुरूप है। आरआरआई के वैज्ञानिक ई. गिरीश बी.एस.के. ने बताया कि सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर आकार और प्रदर्शन का बेहतरीन संतुलन प्रदान करता है और एफपीजीए से मिले डेटा को प्रभावी ढंग से संसाधित करता है।
प्रदर्शन परीक्षणों में भी यह तकनीक सफल रही। एक संदर्भ सिग्नल पर 352 घंटे तक डेटा संग्रह करने के बाद रिसीवर का शोर बेहद कम (कुछ मिली केल्विन) स्तर तक घटा, जिससे इसकी उच्च संवेदनशीलता साबित हुई।
‘प्रतुष’ को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) से वित्तपोषण मिला है और यह अंतरिक्ष विज्ञान में कम द्रव्यमान, उच्च क्षमता वाले पेलोड पर दीर्घकालिक फोकस को रेखांकित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह छोटा कंप्यूटर आने वाले समय में ब्रह्मांड की शुरुआती गूंज को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।