शब्द
- Post By Admin on Mar 21 2022
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साक्षी रहे हैं कुछ शब्द,
स्मृतियों का उपहारस्वरूप !
निरीक्षण के व्यथित आकाश में
गुंजन कर रहे हैं कुछ शब्द!
सीमाएँ बाँधता है क्षितिज पर
यथातथ्य के कुछ शब्द !
दाँत निपोरते हैं ,पास आकर
हारे हुए -हँसते हुए, कुछ शब्द !
दो सुखों का एक सुख
लेकर आता है वैदर्भी के कुछ शब्द !
शब्दों की सभा में अधिक न्यून
वर्षों से ,उपेक्षित रहे कुछ शब्द !
रात में सुगबुगाता है,आँधियों के वेग से
करवटें बदलते हुए कुछ शब्द !
©रजनीश